Tuesday, April 3, 2012

अब मौसी बनकर स्कूल से मासूम का अपहरण

विकासनगर, : दून महिला अस्पताल से नवजात के अपहरण का मामला अभी खुला भी नहीं था कि मंगलवार को विकासनगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से महिला ने बैंक कर्मी के चार साल के बेटे का अपहरण कर लिया। बच्चे की मौसी बनकर वह स्कूल आई और परिजनों के पहुंचने से पहले ही वहां से निकल गई। पुलिस ने आसपास के इलाकों में अपहृत बच्चे की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इधर, नाराज अभिभावकों ने स्कूल के प्रधानाचार्य और डाकपत्थर पुलिस चौकी का घेराव किया। स्कूल प्रबंधन की लापरवाही भी इस घटना में उजागर हुई है। अबोध बच्चे को अजनबी के साथ भेजने को लेकर स्कूल प्रबंधन पर अंगुली उठाई जा रही है। सप्ताहभर में बच्चे के अपहरण की यह दूसरी घटना है, आशंका जताई जा रही है कि ऐसा कोई गिरोह दून में सक्रिय है।
जानकारी के अनुसार, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स की डाकपत्थर शाखा में कार्यरत विनोद कंडारी के चार वर्षीय पुत्र राजन कंडारी का सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नेहरू मार्किट से मंगलवार सुबह अपहरण कर लिया गया। वह एलकेजी का छात्र है। सुबह साढ़े 10 बजे के करीब छुट्टी के वक्त लगभग 20-22 साल की एक युवती पहुंची, उसने स्कूल की आया सरिता को अपना परिचय बच्चे की मौसी के रूप में दिया। यह भी बताया कि वह दिल्ली से आई है। आरोप है कि बच्चे ने इस युवती को नहीं पहचाना फिर भी स्कूल स्टाफ ने बच्चा उसके हवाले कर दिया। पांच मिनट बाद स्कूल में तब अफरा-तफरी मची, जब अपहृत मासूम राजन की मां राधा उसे लेने वहां पहुंची। आया ने जब यह बताया कि बच्चे को उनकी बहन ले गयी है तो राधा के पैरों तले जमीन खिसक गई। सूचना पर सीओ पीसी आर्य व चौकी इंचार्ज विनोद राणा बच्चे की तलाश में निकले। कालेज स्टाफ ने अपने स्तर पर खोजबीन शुरू की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लोगों ने पहले प्रधानाचार्य नरेश कुमार पुंडीर व बाद में पुलिस चौकी का घेराव किया। सांकेतिक जाम भी लगाया। बच्चे का अपहरण व बढ़ते अपराधों से नाराज व्यापारियों ने विरोध स्वरूप बाजार बंद कर दिया। एसपी देहात जीसी ध्यानी ने डाकपत्थर पहुंच कर सीओ से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। समाचार लिखे जाने तक इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।

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